Thursday, December 27, 2012

बचाव

बड़े लोगों ने,
दंगा कराया
शहर जलाया और लहू  बहाया

वो बहता हुआ लहू ... मेरी चौखट तक भी आया
मैं ज़ोर से चिल्लाया
मुझे छोड़ दो भाई ! मैं एक आम इंसान हूँ
मैं उतना ही हिन्दू हूँ जितना मैं मुसलमान हूँ



Monday, September 10, 2012

सच क्या है ?

सच ये है की धूप है बारिश है
झूठ ये है की एक सुन्दर नीली छतरी है
छतरी धूप को भगाती नहीं धूप से बचाती है

धूप ज्यादा तेज़ हो
तो छतरी से भी कुम्हला देती है
बारिश ज़ोरों से हो
तो हाथों से छुड़ा देती है

फिर हम भागते हैं
हाथ उठाये , छतरी को थामने ।


Thursday, June 7, 2012

आवाज़ दो

मुझे आवाज़ दो
दूर बहुत दूर चला जाऊंगा मैं,
मुझे आवाज़ दो।
अँधेरा मेरे कानो में साय  सायं कर रहा है , मुझे आवाज़ दो।

मुझे शब्द दो
शब्दों को श्रोता और
श्रोताओं को  अहसास दो।

मुझेमें भी रौशनी है
इस दिन को, शाम तो दो

मैं बातचीत करना चाहता हूँ
मुझे संवाद दो।

Friday, May 4, 2012

premchand

और कुछ खोए हुए अवसरों को ही तो जीवन कहते हैं 

Thursday, March 22, 2012

दिन


आँखों ने एक सपना देखा और उसे पूरा करने के लिए एक दिन निश्चित कर लिया.
वो दिन हर सुबह सवेरा होने से पहले ही आ जाता और शाम ढलने के बाद अपना सा मुंह लेकर चला जाता .
 फिर एक दिन , दिन बूढा हो गया और मर गया .

Thursday, March 15, 2012

ठूंठ

तुम क्या कहोगे?
की देखो ऐसा करो
ये न करके वो करो
की ये जो मैंने किया
ये तो निहायत बेवकूफी है
वगेरह वगेरह
...
और ये सब कह कर
तुम कहोगे की तुम कुछ नहीं कह रहे
और मैं वहीँ रह जाऊंगा
वैसा का वैसा    

Tuesday, February 14, 2012

चाँद और सूरज

इस पूरी  दुनिया में एक ही हैं.
इनपर या तो सभी का हक़ है, या फिर किसी का नहीं.

Friday, February 3, 2012

दो टूक

सच्चा प्रेम भगवान् की तरह होता है ;
इसे कभी पाया नहीं जा सकता 

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ईश्वर बारिश की तरह होते हैं
कभी होते हैं, कभी नहीं होते हैं

Wednesday, January 25, 2012

सर्द मौसम
सुनसान रात 
घबराई तबियत
और
तन ढकने को बस
 यादों से तर एक चादर