Thursday, March 22, 2012

दिन


आँखों ने एक सपना देखा और उसे पूरा करने के लिए एक दिन निश्चित कर लिया.
वो दिन हर सुबह सवेरा होने से पहले ही आ जाता और शाम ढलने के बाद अपना सा मुंह लेकर चला जाता .
 फिर एक दिन , दिन बूढा हो गया और मर गया .

Thursday, March 15, 2012

ठूंठ

तुम क्या कहोगे?
की देखो ऐसा करो
ये न करके वो करो
की ये जो मैंने किया
ये तो निहायत बेवकूफी है
वगेरह वगेरह
...
और ये सब कह कर
तुम कहोगे की तुम कुछ नहीं कह रहे
और मैं वहीँ रह जाऊंगा
वैसा का वैसा